#कथा भागवतकथा,रामकथा का आयोजन कैसे करें?
हमारे संत आप सबको बताने जा रहा है कि कथा का आयोजन कैसे करें-#hamaresant के साथ पढ़िये पूरी जानकारी।
हर सनातनधर्मी, वैदिक पथिक सोचता है कि मैं मेरे जीवन में एक बार कथा का आयोजन करवाऊँ लेकिन कथा आयोजन की विस्तृत ज्ञान के अभाव में अपने विचार को मन में ही दबाये रह जाता हैं।
इसलिए #hamaresant भगवत्प्रेमियों और हरिभक्तों को #katha आयोजन की व्यवस्थाओं से अवगत करवा रहा है जिससे आप की शंकाओं का समाधान हो जाएगा।
1. सर्वप्रथम तय करें कि आप कौनसी कथा करवाना चाहते हैं। भागवतकथा/रामकथा/शिवकथा/देवीभागवत कथा/कृष्ण कथा/रामदेव कथा/भरत चरित्र कथा/मीराचरित्र कथा/रुक्मणी मंगल कथा या नानी बाई रो मायरो कथा।
2.तीन,पांच,सात और नौ दिवस की कथा आयोजन होता है।
3.किस संत साध्वी की कथा करवानी है? इसकी पूरी जानकारी #हमारेसन्त से आप प्राप्त कर सकते है। हमारे पास अनेक संत साध्वी चयन के लिये उपलब्ध है।
4.किस शुभ घड़ी,मुहूर्त में या शुभ स्मृति/पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन करवाना है तय करें तत्पश्चात डेट/दिनांक के अनुसार संत साध्वी और कथावाचक की #online booking के लिये हमसे संपर्क करें।
5.कथा में परिवार, समाज,गांव या शहर के ज्यादा से ज्यादा लोगों को कथा सुनने के लिए बुलाना चाहिये इससे आयोजक को अनन्त गुणा पुण्य मिलता है।
6. अमूमन हम कथा में 4000 से 5000 लोगों की बैठक व्यवस्था मान सकते है। हरि कथा ज्यादा से ज्यादा लोगों के कानों में पहुंचने से आपका समाज में नाम होगा, आपकी कीर्ति बढ़ेगी परमात्मा की कृपा बरसेगी।
7.लगभग 4000 हरि भक्तों के लिये हमें टेंट/पांडाल लगाना होगा।करीब 80×150फीट का टेंट लगवाना होगा।
8.कथावक्ता, व्यासजी कथावाचक के लिये एक मंच बनाना होगा साइज 45″×30फीट उचित रहेगा।
9.स्टेज पर एक व्यास पीठ बनेगी जिसकी स्टेंडर्ड साइज 8×8 सुविधा जनक रहेंगी।
10.पांडाल में आये हुये कथा श्रोताओं को कथा सुनाने के लिये एक साउंड सिस्टम लगाना होता है।
11.साउंड सिस्टम में कथावाचक के लिये एक माइक और संगीत वादकों के लिये माइक की व्यवस्था सुविधा जनक हो।
12.कथावाचक संत साध्वी के साथ लगभग 12 से 15 व्यक्ति की टीम रहती हैं।
13.एक रूम कथावक्ता के लिये और अन्य सदस्यों के लिये अलग रूम या भवन की व्यवस्था दी जानी चाहिए।
14.पांडाल में बैठक व्यवस्था पुरूष और महिलाओं की अलग होगी तो अच्छा रहेगा।
15.प्रतिदिन की कथा विश्राम के बाद प्रसाद वितरण की व्यवस्था करनी होती हैं। कहते है कि प्रभु को भोग धराया हुआ प्रसाद लोगों में बांटने से प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रसाद से मुंह मीठा होने हर व्यक्ति मन और मुँह से दुआएं देता है जिससे जीवन मे कल्याण ही कल्याण होता है।अतः भगवान की प्रसाद भंडारा की व्यवस्था हो।
16.आपको कथा आयोजन के लिये पूर्व तैयारी, व्यय, व्यवस्था का अनुमान होने से उत्तम व्यवस्था करने आसानी रहेगी।
समस्त जानकारी आपको देते हुये आपसे आग्रह करते हैं कि कथा आयोजन का पावन सौभाग्य प्रभु भक्त विरले इंसानो को ही मिल पाता है। कथा ,हरि भक्ति सत्संग गंगा का पुनीत यज्ञ का आयोजन करवाने और अपने संकल्प को पूरा करने के लिये हमारे संत साध्वी आपकी मदद करेंगे।
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